कुछ से दूरी है ज़रूरी,
अपने आप से इश्क़ करने के लिए।
ये तहज़ीब सिखाते है,
ख़ामियों के परे ज़िंदगी देखने की।
कुछ से दूरी है ज़रूरी,
अपने आप से इश्क़ करने के लिए।
ये तहज़ीब सिखाते है,
ख़ामियों के परे ज़िंदगी देखने की।
दूरियाँ कितनी भी हो, बातें हो ना हों ,
पर साथ ऐसा भी होता है कि
कुछ पूछना ना पङे……….
हाल पता हो…..
क्योंकि
साथ रहते रहते, साथ छूटते देखा है।