खुशियों का मनोविज्ञान, अपने मनोवैज्ञानिक चिकित्सक स्वंय बने। Be your own therapist -Keep Smiling! It can trick your brain into happiness and boost your health.
हम खुशियाँ नहीं खरीद सकते है। लेकिन एक मुस्कुराहट से मस्तिष्क में रासायनिक संतुलन पैदा कर सकते हैं। मनोवैज्ञानिकों अौर न्यूरोलॉजिस्टों के खोज बताते हैं – जब आप मुस्कुराते हैं, तब मस्तिष्क की एक रासायनिक प्रतिक्रिया डोपामाइन और सेरोटोनिन सहित कुछ हार्मोनों को छोड़ती है।सेरोटोनिन अौर डोपामाइन खुशी की हमारी भावनाओं को बढ़ाता है।
हर बार जब आप मुस्कुराते हैं, तब दिमाग में एक फील गुड एहसास होता हैं। मुस्कुराहट तंत्रिका संदेश को सक्रिय करता है। जो आपको स्वस्थ्य और प्रसन्नचित बनाता है। हैपी हारमोन या फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर- डोपामाइन, एंडोर्फिन और सेरोटोनिन- सभी तब रिलीज़ होते हैं, जब आपके चेहरे पर एक मुस्कान आती है। साथ-साथ यह चेहरे पर चमक लाता है । यह न केवल आपके शरीर को आराम देता है, बल्कि यह आपके हृदय गति और रक्तचाप को भी कम करता है।
दुर्भाग्य की बात है कि कई स्थितियों मे चिकित्सकों को एंटीडिप्रेसेंट दवा से डोपामाइन और सेरोटोनिन को बढ़ाकर चिकित्सा करना पङता हैं। आप मुस्कुरा कर बङे आराम से हैपी हारमोन या फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को स्वाभाविक रूप से बढ़ा सकते हैं।
Probably the biggest insight… is that happiness is not just a place but also a process. …Happiness is an ongoing process of fresh challenges, and… it takes the right attitudes and activities to continue to be happy. – Ed Diener