ख़ामोश किताबें

कुछ लोग होते हैं

ख़ूबसूरत ख़ामोश किताब से।

दमकते सुनहरे अल्फ़ाज़ों में लिखे नाम से।

समय की बहती बयार जब छेड़-छाड कर

खोलती है जिस्म-ए-किताब,

वरक़ दर वरक़, पन्ने दर पन्ने .. …

ख़ुशियों औ ग़म-ए-ज़िंदगी की

खुल जाते है कई हिसाब।

हर एक लफ़्ज़, अल्फ़ाज़ औ

तहरीरे बोल उठतीं है,

गुफ़्तगू कर उठती है दास्तान-ए-ज़िंदगी।

Psychological fact- if we hold things tight

and hide them away . it will burst out

some day. bottled up emotions may affect

the mental health negatively too.