कभी कह दिया होता

कभी कह दिया होता तो अच्छा था कि

जिन सवालों के जवाब मालूम हैं

और जवाब पसंद नहीं।

उन सवालों को ना पूछ।

कुछ वहम, कुछ यक़ी का ख़ुशनुमा रंग

ज़िंदगी को गुलज़ार

बनाए के लिए भी चाहिए।

दिल में होली सी रंगीनियत बनाए

रखने के लिए कैफ़ियत भी चाहिए।

#TopicByYourQuote

काँच की नगरी

टूट कर मुहब्बत करो

या मुहब्बत करके टूटो.

यादों और ख़्वाबों के बीच तकरार चलता रहेगा.

रात और दिन का क़रार बिखरता रहेगा.

कभी आँसू कभी मुस्कुराहट का बाज़ार सजता रहेगा.

यह शीशे… काँच की नगरी है.

टूटना – बिखरना, चुभना तो लगा हीं रहेगा.

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Life  is a journey not a destination !!!!

 

जीवन  एक यात्रा है,

मंजिल नहीं।

 इस  यात्रा में खुशियाँ   ….बाधाएं…  आती जाती हैं।

यही  जिंदगी हैं।

    इस  लेखन यात्रा  में 

कभी मन की पीङा, कभी खुशियाँ

 आप सबों से बाँटतें बाँटतें  

 तीन साल गुजर गये …. पता हीं नहीं चला।

  आज यह ब्लॉग और मेरे ब्लॉगर मित्र

मेरे  लिये  खजाना  – अनमोल  निधि हैं।