उम्मीदों की शाख़ पर

उम्मीदों की शाख़ पर

आफ़ताब को गले लगाने की ज़िद्द ना कर।

महताब को पाने की ज़िद्द ना कर।

ज़िंदगी हमेशा हसीन कहानी सी हो

यह साजिद ना कर।

ज़िन्दगी कभी मिले राहों में,

उससे बातें कर।

बतायेगी, उम्मीदों की शाख़ पर, नई राह पर,

नये आरजूओं का सफ़र है ज़िंदगी।