गहरे सागर मंथन से अमृत मिला और गरल।
अपने अंदर के रौशनी-अंधकार समझ ऊपर उठना है,
अपनी भावनाओं-विकारों को देखना-समझना है,
तब दिल-औ-दिमाग़ का सागर मंथन है सबसे सरल।
गहरे सागर मंथन से अमृत मिला और गरल।
अपने अंदर के रौशनी-अंधकार समझ ऊपर उठना है,
अपनी भावनाओं-विकारों को देखना-समझना है,
तब दिल-औ-दिमाग़ का सागर मंथन है सबसे सरल।
forwarded
You must be logged in to post a comment.