कुछ यादें बाक़ी हों,
पर यादों की गलियाँ पीछे छूटने लगें।
चोट के कुछ निशा बाक़ी हों,
पर ज़ख्म भरने लगे।
ज़ख़्म में कुछ कसक बाक़ी है, पर दर्द घटने लगे।
धूप-छाँव ढल, धूप खिलने लगे।
उल्फ़त की धुंधली यादें,
उल्फ़त फिर करने कहने लगें।
तब ख़ुद को आज़माना।
यह इश्क़ है, वालिहान है, इबादत या बंदगी है?
अर्थ – वालिहाना ~ भक्तिपूर्वक, प्रेमियों की तरह का,
आशिकों जैसा, प्रेमपूर्वक, भावुकतापूर्ण, पागलों की तरह,