चाँद ने सूरज को आवाज़ दे कर कहा –
ज़िंदगी की राहों में कुछ पाना,
कुछ खोना लगा रहता है।
कम ज़्यादा होना लगा रहता है।
भला या बुरा किया किसी के साथ,
उसका जवाब मिलता रहता है।
आवाज़ की गूंजें लौट कर है आती रहतीं हैं।
सागर और ब्रह्मांड का यह है फ़लसफ़ा।