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जी भर, जी ले ज़िंदगी
सारे सच लोग झूठ बताते चले गये। सारी ज़िंदगी छले जाते रहे। कई धोखे भरे रिश्ते निभाते चले गये। शायद हुआ ऊपर वाले के सब्र का अंत। हाथ पकड़ ले चला राह-ए-बसंत। एक नई दुनिया, नई दिशा में। बोला, पहचान बना…