सागर के इश्क़ में नदियाँ छोड़ आईं
पहाड़ों, हिम और हिमनदों को।
बहती नदियों को बस मालूम है इतना,
उनकी मंज़िल है,
साग़र के आग़ोश में।
क्या पता है इन्हें इनकी मंज़िल ….
…..सागर खारा मिलेगा?
सागर के इश्क़ में नदियाँ छोड़ आईं
पहाड़ों, हिम और हिमनदों को।
बहती नदियों को बस मालूम है इतना,
उनकी मंज़िल है,
साग़र के आग़ोश में।
क्या पता है इन्हें इनकी मंज़िल ….
…..सागर खारा मिलेगा?
वाले को
निशाना
एकमात्र तथ्य
है मृत्यु
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😊
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nadiya ishq karti hain un najaro se
jo unhe rasto me mila karti hain
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😊😊
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