मौन माफ़ी

मौन रह कर

माफ़ कर देना,

मौन रह कर

जीवन पथ पर बढ़ जाना

सबके बस की बात नहीं।

यह होता है तब

ऊपरवाले पर भरोसा हो जब।

अलफ़ाज़ बेमानी हो जाते हैं तब।

6 thoughts on “मौन माफ़ी

  1. अति सुंदर रचना है आप की | You are a creative genius. Love all your poems. ♥️♥️♥️♥️😊😊😊😊

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  2. सर्वशक्तिमान ईश्वर
    द्वारा आविष्कार
    आदमी
    ताकि आदमी बच्चे
    और स्त्री को पुरुष के अधीन करना चाहता है
    अगर तुम ओह औरत
    विषैला आदमी
    आत्मा की वास्तविकता के विरुद्ध
    अकथनीय बुराई की आज्ञा देता है
    आपको हराता है
    जान से मारने की धमकी दी
    अगर तुम
    बुराई के कारण
    आदमी की
    अब इसे नहीं लड़ सकता
    जब आप जानते हैं कि आप और आपके बच्चे
    आदमी से
    मारे जाने के लिए
    तो तुम रहो, अद्भुत महिला, अपनी आखिरी सांस तक
    हमेशा तुम्हारे साथ रहो

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