खोने का डर क्यों? साथ क्या लाए थे।
क्या कभी बिना डरे जीने कोशिश की?
तब तो फ़र्क़ समझ आएगा।
इस जहाँ में आए, सब यहाँ पाए।
सब यही छोड़ जायें।
यही कहती है ज़िंदगी।
ग़र जीवन का अर्थ खोजना है।
एक बार ज़िंदगी की बातें मान
कर देखने में हर्ज हीं क्या है?
Topic by yourQuote
खुद का डर और डर है
हर इंसान
चौकीदार
ताकि हम नम्रता से
वास्तविकता
आत्मा और संसार
हमारे भीतर जीवन
हमारे आसपास
आज्ञा पालन
जीवन चुप है
अगर हम नहीं
हमारी भाषा के साथ
एक समझ में आओ
काम पर बेहतरी के लिए
हर दिन कार्रवाई के लिए हाथ उधार दें
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✌
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बहुत सुंदर।
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धन्यवाद🙏💕
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