ज़िंदगी में मिलतीं कई हैं राहें।
कुछ राहें जातीं हैं
तिमिर से तिमिर… अंधकार की ओर।
कुछ अंधकार से रोशनी की ओर,
कुछ ज्योति से तिमिर की ओर,
कुछ ज्योति से ज्योति की ओर।
इन मुख़्तलिफ़ राहों से चुन लो
किधर है जाना।
इन राहों में जिसे चाहो चुनो,
वापस लौटने की नहीं है गुंजाइश,
शर्त-ए-ज़िंदगी बस इतनी है।
बहुत सुंदर।
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शुक्रिया।
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जीवन में एक ही रास्ता है
जीवन में एक ही रास्ता है
जन्म से मृत्यु तक
हमने अपना जीवन नहीं चुना
हम वे हैं जो लहू के चिल्लाने पर पृथ्वी पर फेंके गए हैं
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🙏🏻🙏🏻
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