बिना मुझसे पूछे,
बिन मेरे अनुमति।
तुमने मेरे पत्थरों से
बनाया था आशियाँ अपना।
बस मैं उसे हीं वापस ले जा रही हूँ,
अपनी बहती धार में।
तब तुम शक्तिशाली थे।
आज़ मैं प्रचंड हूँ।
बिना मुझसे पूछे,
बिन मेरे अनुमति।
तुमने मेरे पत्थरों से
बनाया था आशियाँ अपना।
बस मैं उसे हीं वापस ले जा रही हूँ,
अपनी बहती धार में।
तब तुम शक्तिशाली थे।
आज़ मैं प्रचंड हूँ।