अक्सर लोग हमें और हम लोगों को
आँखों हीं आँखों में, बिना समझे,
पूरे भरोसे के साथ पढ़ते रहते है।
कभी ख़त,कभी सागर की तहरीरों,
कभी परियों, देव, दानवों, दोस्तों,
दुश्मनों की कहानियों की तरह।
पर भूल जातें हैं कि जो ग़लत पढ़ लिया
सामने वाले को तो
सज़ा औ मायूसियाँ ख़ुद को मिलेंगी।
अनजाने हीं खो देंगे किसी हमदम को।
Ati uttam se bhi uttam. Very lovely lines. Keep posting, Rekha ji. ♥️♥️♥️♥️
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✨❤🤗
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How are you, Rekha ji? Please take care of your health.
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Feeling better…..thanks for asking ✨❤🤗
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