खामोशियाँ सुकून बन जाए।
तनहाइयाँ भाने लगे।
परवाह न रहे लोगों की,
उनकी बातों की।
मायने ईश्वर साथ है,
सम्भालता दुनिया की ठोकरों से,
राहें दिखाता-सिखाता।
तब एकांत बन जाता है नियामत,
देता है कई प्रश्नों के जवाब
और सिखाता है सलीके से
ख़ुशगवार ज़िंदगी जीना।