कुछ लोग दिल में होते हैं ज़िंदगी में नहीं।
कुछ ज़िंदगी में होते है दिल में नहीं।
जो अपने रूह और दिल में जगह दें।
उन्हें हीं ज़िंदगी,
रूह और दिल का हिस्सा बनायें,
चाहे वे दूर हों या पास,
ग़र ना हो चाहत टूटने-बिखरने की।
सिर्फ़ पास और साथ के लिए
साथ ना निभाएँ।
रिश्ते अपनेपन के लिए होतें हैं,
ख़ामियाज़ा भरने के लिए नहीं।
This is a fabulous poem. I loved it so much. Very well written. 😊😊♥️♥️♥️👌👌👌👏👏👏
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Thanks a lot dear. Sorry for late response. ❤️💕😊
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बहुत सुंदर
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तारीफ़ के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
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