हिमालय के प्रवेश द्वार – ऋषिकेश की मेरी यह यात्रा कई मायनों में बेहद ख़ुशनुमा रही। इस बार ऋषिकेश मैं अपनी वर्षों पुरानी बचपन की सहेली मोनी से मिलने गई। जब मैं बद्रीनाथ में थी, तभी मेरी तस्वीर और विडीओ देख कर उस ने मुझे मिलने के लिए आमंत्रित किया। ऋषिकेश जा कर उसके साथ वहाँ घूमना और गंगा आरती देखना बड़ा सुखद लगा। लबालब छलकती, उफनती गंगा की कलकल-छलछल बहती धारा अद्भुत सुकून देती है। गंगा तट पर बैठ कर हम दोनों ने काफ़ी वक्त गुज़ारा। गंगा का किनारा और पुराने दोस्त का साथ, अद्भुत संगम सा एहसास था। मेरी मित्र ने ऋषिकेश के बाज़ार में घूमते समय ड्रीम कैचर के बारे में बताया। मैंने वहाँ से ड्रीम कैचर ख़रीदे।

ड्रीम कैचर – मान्यता है कि ड्रीम कैचर की शुरुआत नेटिव अमेरिका से हुई हैं। किवदंति है कि असिबिकाशी नामक एक महिला ने अपने जादू से बच्चों को बुरे सपनों, बीमारियों और काले जादू से बचाने के लिए उनके बिस्तर के ऊपर ड्रीम कैचर टांगते की शुरुआत की थी। फेंगशुई में ड्रीम कैचर महत्वपूर्ण है। ठीक वैसे, जैसे हम तोरन या वंदनवार को टाँगना शुभ मानते है। खूबसूरत और रंगीन ड्रीम कैचर रसोई में, बुरी नज़र से बचाव के लिए घर के द्वार पर, सकारात्मक ऊर्जा और सुखद यात्रा के लिए शयन कक्ष की खिड़कियों पर लटकाए जाते है। आध्यात्मिक और ब्रह्मांड की सात्विक ऊर्जाएं पाने के लिए ड्रीम कैचर पर ध्यान केंद्रित करना भी अच्छा माना जाता है।
Beautiful post, Rekha ji. आपके पोस्ट के ज़रिए हमें घर बैठे ऋषिकेश और बद्रीनाथ के दर्शन हुए |Thank you so much for sharing. Hope you are enjoying your trip. 😊😊😊
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Glad you liked it Aparna❤
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