बसंती बयार April 4, 2022 Rekha Sahay Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
वाक़ई ज़िन्दगी के सफ़र में ख़ुशनसीबी से कुछ ऐसे लोग मिल ही जाते हैं जिनसे मिलकर लगता है कि जैसे ज़िन्दगी की आब-ओ-हवा में ख़ुशबू भर गई, ख़ूबसूरत रंग बिखर गए, अचानक ही फ़िज़ा बदल गई और सब कुछ अच्छा लगने लगा। LikeLiked by 1 person Reply
वाक़ई ज़िन्दगी के सफ़र में ख़ुशनसीबी से कुछ ऐसे लोग मिल ही जाते हैं जिनसे मिलकर लगता है कि जैसे ज़िन्दगी की आब-ओ-हवा में ख़ुशबू भर गई, ख़ूबसूरत रंग बिखर गए, अचानक ही फ़िज़ा बदल गई और सब कुछ अच्छा लगने लगा।
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बिलकुल सही जितेंद्र जी। आभार
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