कुछ पलों के लिए लगा,
भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे ।
जब दिल की गहराईयों में झाँक
तब समझ आया।
ज़िंदगी ने नहीं,
जिनसे राहें पूछी थीं,
उन लोगों ने भटका दिया था।
ज़िंदगी ने तो भटके राहों पर,
अँधेरे पलों में भी
कई सबक़ सिखा दिये।
वापस सही राहों पर ला दिया।
#YourQuote topic
Outstanding, fabulous. I hereby give you an exemplary and a fabulous poet award. 👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏♥️♥️♥️
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Thank you! It’s so sweet of you dear!
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वाह, बहुत सुंदर।
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शुक्रिया वर्मा जी।
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आपकी इस बात की हक़ीक़त का ज़ामिन तो मैं ख़ुद हूँ रेखा जी। ज़िन्दगी तो सही सबक देती है, सही राह दिखलाती है लेकिन ऐसे बहुत से गुमराह करने वाले लोग मिल जाते हैं दुनिया में जिनसे ग़लती से हम राह पूछ बैठते हैं। और कभी-कभी बदकिस्मती कुछ इस तरह भी पेश आती है कि वही लोग रहज़न निकलते हैं जिन्हें हम रहबर समझते रहे थे।
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बिलकुल जितेंद्र जी। ज़िंदगी में ऐसे धोखे मिलना बड़ा आम है। पता नहीं पहचानने में भूल होती है या लोग बड़ी सफ़ाई से दूसरों को गुमराह करते हैं। जब तक सच्चाई समझ आती है। ज़िंदगी बहुत आगे बढ़ चुकी होती है।
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बहुत सुंदर प्रस्तुति
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शुक्रिया नागेश्वर जी।
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लाज़वाब 🌹
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धन्यवाद गौतम ।
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☺️💐
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Bahot khub Rekha ji 😍🙏you are Fantastic writer
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Thanks Saurabh! 😊Bahut dino baad ? Everything ok?
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Yes, everything is good 😊 how are you doing? Actually kuch work me tha woh complete ho jaaye then I will be back to this platform. I am missing 😅
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I am good. Welcome back Saurabh! Happy writing! 😊
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