लक्ष्य

कहते हैं ग़र अफ़सानों को अंजाम तक मौन रख कर ले जाये तो कोशिशें कामयाब होतीं है। ना राज़ खोलें ज़बान से, ना नज़रों से। तो नज़रें नहीं लगेंगी। लक्ष्य पाना है, तो बातों को अपनों से और ग़ैरों से राज़ बना सीने में छुपा रखना हीं मुनासिब है।

Psychology Fact- Research Reveals That Announcing Your Goals Makes You Less Likely to Achieve Them

12 thoughts on “लक्ष्य

    1. धन्यवाद मधुसूदन।
      बड़े दिनों बाद अच्छा लगा आपको ब्लॉग पर देख कर। सब ठीक है ना?

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    1. आपके विचार से मैं पूरी तरह सहमत हूँ जितेंद्र जी। मैंने भी यह महसूस किया है।पहले लोग इसे नज़र लगने से जोड़ कर देखते थे। अब रिसर्च भी इसी नतीजे पर पहुँच रहें है।

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  1. एक इंसान के रूप में डर
    दुर्गम
    पहुँच योग्य नहीं
    दैवीय क्रोध
    उजागर किए जाने के लिए
    एक बलिदान के साथ
    शांत करने में सक्षम होने के लिए

    वो आत्मा
    उसके सपने के माध्यम से
    भाषण और उत्तर
    बेहतर अंतर्दृष्टि के लिए
    खुद के अस्तित्व में देने के लिए

    आत्मा की गहराई
    सूक्ष्म जगत की तह तक
    आत्मा शरीर एकता
    मानव जाति के लिए एक रहस्य बना रहेगा

    दूसरा व्यक्ति
    मेरे आगे मैं पूरी तरह से कभी नहीं समझ सकता
    दूसरा व्यक्ति मेरा सबसे गहरा रहस्य बना रहता है

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