रिश्तों के अहमियत
रिश्तों के अहमियत
को ना समझाने वाले
हल्की सी चोट से भी
तिलमिला उठतें है।
फिर क्यों दूसरों
पर चोट करते है?
किसी के मौन को
कमजोरी समझ कर?
रिश्तों के अहमियत
रिश्तों के अहमियत
को ना समझाने वाले
हल्की सी चोट से भी
तिलमिला उठतें है।
फिर क्यों दूसरों
पर चोट करते है?
किसी के मौन को
कमजोरी समझ कर?
Love your thoughts. Excellent post.
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Thank you Aparna. 😊
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Absolutely right..
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Thanks a lot.
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Sahi kaha… rishton ki ahmiyat na samajhne wale aksar chot karte hain..
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Bilkul, shukriya.
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दूसरे की चुप्पी
अधिक कहते हैं
एक हजार शब्दों की तुलना में
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सच है।
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ठीक कहा रेखा जी आपने। दूसरों से वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा हम अपने साथ चाहते हैं लेकिन … लेकिन कितने लोग इस बात को समझते हैं?
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धन्यवाद जितेंद्र जी। आपकी बातों से बिलकुल सहमत हूँ।
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