8 thoughts on “दिल की बातें

  1. हम शब्दों में हैं
    अन्य लोगों की प्रकृति से बंधा हुआ

    आत्मा अकेला
    एक सपने में भेजता है
    बेहतर के लिए
    सलाह

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  2. जी हाँ रेखा जी, यही मुनासिब है। और जो अपनी राय हम पर थोपें, मानने का दबाव डालें; ऐसों से दूरी ही भली।

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