खुले आसमान में,
जलद …. जल भरे हलके
बादलों को आज़ाद,
ऊपर उठते देखा है।
सात रंग बिखेरते
इंद्रधनुष बनते-बनाते
देखा है।
जैसे हीं वे अपने
अंदर के पानी को बोझ
बना लेतें हैं।
पल भर में पानी बन
वही जा गिरते हैं।
जहाँ से ऊँचाइयों
पर पहुँचें थे।
खुले आसमान में,
जलद …. जल भरे हलके
बादलों को आज़ाद,
ऊपर उठते देखा है।
सात रंग बिखेरते
इंद्रधनुष बनते-बनाते
देखा है।
जैसे हीं वे अपने
अंदर के पानी को बोझ
बना लेतें हैं।
पल भर में पानी बन
वही जा गिरते हैं।
जहाँ से ऊँचाइयों
पर पहुँचें थे।