ॐ
ध्वनियाँ मानो तो शोर हैं,
जानो तो संगीत हैं।
नाद साधना हैं।
मंत्र हैं।
ॐ है हर ध्वनि का आधार।
ध्वनियों को ज्ञान से सजा दो,
तो ध्वनियाँ मंत्र कहलातीं हैं।
इन मंत्रों में माधुर्य, सुर,
ताल, लय मिला दो
तो संगीत बन जातीं हैं।
जो रूह में गूंज आध्यात्म
की राहें खोलतीं है।
ब्रह्मांड का हर आयाम
खोलतीं हैं।
ऊपरवाले को पाने का
मार्ग खोलतीं हैं।
बहुत ही सुंदर रचना 👌🏼👌🏼😊
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शुक्रिया अनिता।😊
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