इनायत
अँधेरे पल हो या उजाले,
ज़िंदगी की सारी लड़ाईयाँ
हम ने तुम्हारे भरोसे लड़ी,
तुम्हारी रज़ा और
इनायत के साये में।
ना किया तुमने
कभी कोई वादा,
पर दर्मियान हमारे-तुम्हारे
भरोसे का वो रिश्ता है
कि तुमने कभी
निराश नहीं किया।
इनायत
अँधेरे पल हो या उजाले,
ज़िंदगी की सारी लड़ाईयाँ
हम ने तुम्हारे भरोसे लड़ी,
तुम्हारी रज़ा और
इनायत के साये में।
ना किया तुमने
कभी कोई वादा,
पर दर्मियान हमारे-तुम्हारे
भरोसे का वो रिश्ता है
कि तुमने कभी
निराश नहीं किया।
🙏🎉🎉🎉
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अंधेरे क्षण
मेरे जीवन पथ पर
याद में हैं
क्या मै
नज़रअंदाज़ न करें
कोई लड़ाई नहीं
मेरे बिगड़े के खिलाफ
पश्च दृष्टि में है
दोबारा नहीं
अच्छा करने के लिए
तो मेरा हाथ रखो
मेरी छाया पर
कि दूसरे नहीं करते
इसके द्वारा अंधा
और आहत हो जाओ
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🙏🙏
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