मान कर चलो कि ज़िंदगी में अच्छा…
सबसे अच्छा समय
अभी आना बाकी है।
अपने अंदर की रौशनी
कभी मरने न दो।
तुम्हारा अपना सर्वश्रेष्ठ
करना ही काफी है।
मान कर चलो कि ज़िंदगी में अच्छा…
सबसे अच्छा समय
अभी आना बाकी है।
अपने अंदर की रौशनी
कभी मरने न दो।
तुम्हारा अपना सर्वश्रेष्ठ
करना ही काफी है।
सही कहा आपने। नासिर काज़मी साहब की लिखी हुई और ग़ुलाम अली साहब की गाई हुई मशहूर ग़ज़ल – ‘दिल में एक लहर-सी उठी है अभी’ का शेर है – ‘वक़्त अच्छा भी आएगा नासिर, ग़म न कर, ज़िन्दगी पड़ी है अभी’ ।
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शुक्रिया जितेंद्र जी। आपके शेरो शायरी की जानकारी अद्भुत है । ये ख़ूबसूरत पंक्तियाँ हौसला बढ़ाने वालीं हैं।
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