इस दुनिया के मेले में,
लोगों को खोने से
परेशान न हो।
सब को खुश करने की
कोशिश में ,
रोज़ एक मौत ना मरो।
एक बात सीख लो!
खुद को खो कर खोजने और
संभलने में परेशानी बहुत है।
इस दुनिया के मेले में,
लोगों को खोने से
परेशान न हो।
सब को खुश करने की
कोशिश में ,
रोज़ एक मौत ना मरो।
एक बात सीख लो!
खुद को खो कर खोजने और
संभलने में परेशानी बहुत है।
Wow, this is fantastic means alot, great words!
LikeLiked by 1 person
Thanks a lot Ranjhan .
LikeLike
उलझन में
रास्ता
स्वयं को
LikeLiked by 1 person
Thank you 😊
LikeLike
सबको ख़ुश करने की कोशिश करने वाला इंसान वाक़ई रोज़ एक नई मौत मरता है रेखा जी। मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि खुद को खो कर खोजने और संभलने में परेशानी बहुत है। लेकिन यह सबक वक़्त रहते सीख लिया जाए तो ही बेहतर है वरना . . .।
LikeLiked by 2 people
जितेंद्र जी, मै people pleaser हीं रही हूँ पूरी ज़िंदगी। हर दिन अपनी खवाहिशों को दरकिनार किया । अब जा कर सबक़ लिया है। लेकिन पूरी तरह सीखने में अभी भी वक्त लगेगा।
LikeLiked by 2 people
बहुत ही यथार्त्वादी एवं कटु सच को उजागर करती कविता !शानदार !मैं जीतेन्द्रजी के विचारों का अनुमोदन करता हूँ !धन्यवाद
LikeLiked by 2 people
शुक्रिया धीरेंद्र!
यह कविता दरअसल मेरे दिल की बातें हैं। ज़िंदगी वह गुरु है जो तब तक सबक़ देती रहती है, जब तक हम सीख नहीं जातें हैं।
LikeLiked by 1 person
आशा करता हूँ ज़िंदगी के सबक़ आप जल्द साकार कर लें और अपनी ज़िंदगी ख़ुशी और सुकून से जिएँ,मेरी शुभकामना आपके साथ😊
LikeLiked by 1 person
आभार धीरेंद्र! ज़िंदगी के सबक़ कभी ख़त्म नहीं होते 😊। सीखना चलता रहता है।
आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया। आपको भी शुभकामनाएँ।
LikeLiked by 1 person
बिलकुल सही बात है !बहुत बहुत आभार आपकी शुभकामनाओं के लिए , रेखा 🙏🏾
LikeLiked by 1 person
जीवन हमेशा अपनी कठिनाइयों और चुनौतियों के साथ होता है। इसे कठिन मत बनाओ। जीवन को सरल रखें।
LikeLiked by 1 person
बिलकुल सही। धन्यवाद !
LikeLiked by 1 person