कहते हैं,
बुरा हो या भला हो,
हर वक्त गुजर जाता है।
पर कुछ वक्त कभी मरते नहीं,
कभी गुजरते नहीं।
जागते-सोते ख़्वाबों ख़्यालों में
कहीं ना कहीं,
शामिल रहते हैं।
ज़िंदगी का हिस्सा बन कर।
कहते हैं,
बुरा हो या भला हो,
हर वक्त गुजर जाता है।
पर कुछ वक्त कभी मरते नहीं,
कभी गुजरते नहीं।
जागते-सोते ख़्वाबों ख़्यालों में
कहीं ना कहीं,
शामिल रहते हैं।
ज़िंदगी का हिस्सा बन कर।
So true and beautifully composed
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Thank you Tanvir. 😊
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सपने में
हिस्सा लेना
भले ही
सपने देखने वाला नहीं करता
लेखक स्वयं है
सपना
व्याख्या करना और समझना
को
अंतर्दृष्टि
करने के लिए ले
नए दिन में
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धन्यवाद !
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ठीक कहा रेखा जी आपने।
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शुक्रिया जितेंद्र जी!
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शायद व्यस्तता के कारण आपने नया कुछ post नहीं किया है। आशा है, आप सपरिवार कुशल होंगे।
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हिंदी में कुछ पोस्ट किए हैं। अंग्रेज़ी में तो लिखना बंद ही है। वैसे दिलीप कुमार जी के निधन पर मैंने उनकी एक पुरानी फ़िल्म का बहुत पहले लिखी हुई समीक्षा फिर से वर्डप्रेस पर डाली थी। हम सकुशल हैं, आशा है कि आप भी सकुशल होंगी।
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अच्छा। वो मैंने देखा है वर्डप्रेस में। मैं भी ठीक हूँ। बस कुछ ना कुछ व्यस्तता चलती रहती हैं।
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Woooooooo bhuuut khub 👌☺️
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Thanks 😊! Shukriya!!!!
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🙏☺️
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बहुत ही सुंदर और वास्तविक पंक्तियाँ💕
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धन्यवाद शैंकी ।
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बिलकुल सही कहा❤
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शुक्रिया दोस्त! 😊
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