ज़िंदगी के रंग – 225
ज़माने की राहें रौशन करते वक्त,
ग़र कोई आपकी सादगी भरी बातों के
मायने निकले।
समझ लीजिए
सामने वाले ने मन बना रखा है
आपकी बातों को नकारने का।
ना ज़ाया कीजिए वक्त अपना।
बेहिचक, बेझिझक बढ़ जायें
अपनी राहों पर।
लोगों को अक्सर देखा है,
चिराग़ों को बुझा,
हवा के झोंकों पर तोहमत लगाते।
आपके जीवन के रंग
मैं तुम्हारी आँखों से नहीं कर सकता
अपना रास्ता देखें
अपने भीतर की दुनिया में प्रकाश
मुझसे छुपा रहता है
समय का इतिहास
दुनिया की बात करता है
और आपका रास्ता
आत्मा के नाटक में
आत्मा बनाती है
आपके लिए दोनों दुनिया
महत्व की अंतर्दृष्टि के लिए
शब्द असहाय चीजें हैं
यदि आप उनके पत्रों में आग नहीं लगाते हैं
झूठ सच की बहन है
साधारण चीजें मर चुकी हैं
के कारण है कि वे झूठ मत बोलो कि
विचार प्रार्थना हैं
सपना को सुनने
वह क्या
तुमसे
नई अंतर्दृष्टि के लिए
आपको बताना है
LikeLiked by 1 person
धन्यवाद!
LikeLiked by 1 person
सच व सुंदर विचार 👌🏼👌🏼
LikeLiked by 1 person
Thought provoking. So true 👍
LikeLiked by 1 person
Thank you Raksha.
LikeLiked by 1 person
बिलकुल सही……आज कल मेरे साथ एैसा ही हो रहा है…..और मैं आज से ही ज़िंदगी कि रंग के अनुसार करना शुरू कर दिया 🙏💕🤗
LikeLiked by 3 people
बहुत धन्यवाद शैंकी! मैंने ऐसे लोगों के व्यवहार को देख कर हीं ये पंक्तियाँ लिखीं हैं। 😊
LikeLiked by 1 person
हाँ आण्टी, और मैंने देखा है….मैं जब भी परेशान रहता हूँ तो आपके ज़िन्दगी के रंग मेरी बहुत बहुत मदद करते है आगे बढ़ने में💕🤗
LikeLiked by 1 person
बहुत आभार शैंकी ! 😊
LikeLike