अक्सर लोगों ने कहा –
पुरानी बातें ना दोहराओ ।
पर क्यों?
हम सब रामायण, गीता और महाभारत दोहरातें हैं,
समझ और ज्ञान पाने, ग़लत बातों
को ग़लत बताने के लिए।
अनुचित करने वाले अपनी त्रुटि
छुपाने के लिए ये सब कहते हैं!
ग़लतियाँ करने से क्यों नहीं डरते हैं।
ऐसे लोगों को ग़लत हरकतें
कर नई बातों की उम्मीद क्यों?
बिलकुल सही 👍
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बहुत आभार !
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सत्य प्रतिशत सत्य 👌
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शुक्रिया शैंक़ी।
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चीर हरण के बाद वही होता है जो हुआ था,
मगर लोग दुहराते हैं
और सजा पाते हैं,
मगर पुरानी बातों को भूल जाते हैं।
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ठीक कहा आपने मधुसूदन । आभार।
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स्वागत आपका।
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विफलताएं मदद करती हैं
जो मुझे अभी तक पता नहीं है
व्यक्तिपरक सत्य के लिए
खोज करना
आत्मा
पुराने लोगों को दोहराता है
बुरी बातें
मेंर खुद से
नहीं क्या
खास वाले
पवित्र करना
संदेश और धर्मग्रंथों
उनके देवताओं पर रिपोर्ट
सपनों के माध्यम से अंतर्दृष्टि
आत्मा देता है
प्रत्येक व्यक्ति
स्व
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हाँ, विफलताएँ हमेशा मदद करती हैं। अगर उन्हें प्रेरणा माना जाए। शुक्रिया गैमा।
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एक स्थूल, गंभीर, [बहुत] बेवकूफ, गंभीर गलती
पहले अंतर्दृष्टि की जरूरत है
अगली बार बेहतर करने की हिम्मत करने में सक्षम होने के लिए
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जी। शुक्रिया।
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उत्कृष्ट लेखन
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शुक्रिया रक्षा।
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