तुम हो ना ?

जब कभी जीवन समर से थकान होने लगती है।

तब ख्वाहिश होती है,

आँखे बंद कर  आवाज़ दे कर पूछूँ –

मेरे रथ के सारथी कृष्ण तुम साथ हो ना?

अौर आवाज़ आती है –

सच्चे दिल के भरोसे मैं नही तोड़ता

ख़्वाहिश करो ना करो। 

मैं यहीं हूँ।

डरो नहीं, अकेला नहीं छोड़ूँगा!

17 thoughts on “तुम हो ना ?

  1. You direct me
    on my crooked
    my straight paths
    i have to you
    ask for nothing
    to you
    no questions
    ask of you
    in a dream
    you lead me
    through all night
    until the last day
    oh, you great soul

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  2. ईश्वर सदा उन के साथ रहते हैं, जिनका हृदय पवित्र व निर्मल होता हैं ओर उन्हें ईश्वर के साथ
    होने की ऐसी दिव्य अनुभूति सदा होती रहती हैं । यह सच हैं ।
    सुंदर व दिव्य अनुभूति 🙏🏼

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    1. तुमने बिलकुल सही कहा।दिखे ना दिखे यह सबसे बड़ा सहारा है, जो हमेशा रहता है। धन्यवाद अनिता!!!!

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  3. क्या बात। 👌👌

    दुर्योधन को कृष्ण कभी मिलते नही,
    और अर्जुन को
    कभी छोड़ते नही।

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  4. दुर्योधन को कृष्ण कभी मिलते नही,
    और अर्जुन को कभी छोड़ते नही,
    कृष्ण तो सर्वत्र,सर्वव्यापी हैं
    उन्हें क्या ढूँढना,
    वे तेरे संग हैं या नही जानने से पहले
    तुम कौन हो,अर्जुन या दुर्योधन
    पहले स्वयं से पूछना।

    पूरा तो अब हुआ।

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    1. अरे वाह!! कितनी अच्छी और सच्ची बात आपने मुझे बताई मधुसूदन। बहुत आभार। 👍👍😊

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