रेखा दीदी चंद पंक्तियो ने ह्रदय के असीम
दर्द को व्यक्त कर दिया ।जीवन का यह
कटु व बेहद दुखद सत्य हैं जिससे सभी को
एक नहीं कई बार गुजरना पड़ता है ।
यह अजीज कोन है, अगर आप बताना
चाहे तो–
अपना ख्याल रखिये 🙏🏼
आभार अनिता।
ये पंक्तियाँ मैंने अपने पति अधर के लिए लिखा है। दो साल पहले एक दुर्घटना में मैंने उन्हें खो दिया। वो भी तब जब मैं कही बाहर थी। अंत में मिल भी नहीं पाई। क्या करूँ, यह दर्द दिल से जाता हीं नहीं।
दीदी मुझें यही लगा था कि यह आपने अपने
पति के लिए ही कहा है, दीदी मुझें बहुत दुःख हुआ जानकार। जीवन साथी का बिछ़ड जाना
जीवन का सबसे बड़ा दुख है ।
हमारे हाथ कुछ नहीं है, यहाँ हम सभी बेबस हैं । ईश्वर आपको इस दुख को सहने की शक्ति दे।🙏🏼
कागज सा दिल,
कुछ रंगीन कुछ कोरे रह गए,
जिंदगी के रंग कई,
यूँ ही घोले रह गए,
चाहते थे रोना जार-जार,
मगर चुप करा दिया अपनों ने
हर बार,
सबका वक्त निर्धारित यहाँ,
यही तो कहा सब ने,
बेबस,लाचार बिन कहे
तेरे जाने का दर्द सहा हमने,
अब आँखों में अश्क,
दिल में याद लिए जीते हैं,
आकर देख कभी,
रोते नही,
अब अश्कों को पीते हैं,
अब अश्कों को पीते हैं।
रेखा दीदी चंद पंक्तियो ने ह्रदय के असीम
दर्द को व्यक्त कर दिया ।जीवन का यह
कटु व बेहद दुखद सत्य हैं जिससे सभी को
एक नहीं कई बार गुजरना पड़ता है ।
यह अजीज कोन है, अगर आप बताना
चाहे तो–
अपना ख्याल रखिये 🙏🏼
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आभार अनिता।
ये पंक्तियाँ मैंने अपने पति अधर के लिए लिखा है। दो साल पहले एक दुर्घटना में मैंने उन्हें खो दिया। वो भी तब जब मैं कही बाहर थी। अंत में मिल भी नहीं पाई। क्या करूँ, यह दर्द दिल से जाता हीं नहीं।
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दीदी मुझें यही लगा था कि यह आपने अपने
पति के लिए ही कहा है, दीदी मुझें बहुत दुःख हुआ जानकार। जीवन साथी का बिछ़ड जाना
जीवन का सबसे बड़ा दुख है ।
हमारे हाथ कुछ नहीं है, यहाँ हम सभी बेबस हैं । ईश्वर आपको इस दुख को सहने की शक्ति दे।🙏🏼
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सांत्वना के प्रेम भरे शब्दों के लिए आभार अनिता।
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Soo touching 😍
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Real stories are always touching. Thanks.
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Reblogged this on Love and Love Alone.
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Thank you 😊
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बहुत दुखद! क्या कहें। जानकर दुखी हूँ।
कागज सा दिल,
कुछ रंगीन कुछ कोरे रह गए,
जिंदगी के रंग कई,
यूँ ही घोले रह गए,
चाहते थे रोना जार-जार,
मगर चुप करा दिया अपनों ने
हर बार,
सबका वक्त निर्धारित यहाँ,
यही तो कहा सब ने,
बेबस,लाचार बिन कहे
तेरे जाने का दर्द सहा हमने,
अब आँखों में अश्क,
दिल में याद लिए जीते हैं,
आकर देख कभी,
रोते नही,
अब अश्कों को पीते हैं,
अब अश्कों को पीते हैं।
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बहुत आभार मधुसूदन!!!
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