जब फूल ना खिले।
फल ना हो।
फसल ना बढ़े।
तब मिट्टी, बीज, पानी को ठीक करते हैं,
जिसमें ये बढ़ते है।
या मौसम की कमियों की बातें करते है.
इंसानों अौर बच्चों के मामलों में,
ठीक विपरीत क्यों?
उन पर प्रकृति के ये नियम क्यों नहीं लागू होते?
जब फूल ना खिले।
फल ना हो।
फसल ना बढ़े।
तब मिट्टी, बीज, पानी को ठीक करते हैं,
जिसमें ये बढ़ते है।
या मौसम की कमियों की बातें करते है.
इंसानों अौर बच्चों के मामलों में,
ठीक विपरीत क्यों?
उन पर प्रकृति के ये नियम क्यों नहीं लागू होते?
बिल्कुल सही!
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i agree. thank you. Sorry for the delayed response 🙂
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Koi bat ni 🤗
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😊
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