आदतें भी बड़ी अजीब होतीं हैं.
इनमे भी नशा वाजिब होते है.
ना कोई वायदा, ना लौटने के इरादे.
ना जाने कौन सा अनजान सफ़र अौर राहें.
मालूम है, वे हैं वन-वे राहें.
मालूम है दरवाज़ा खड़का होगा हवा से,
मगर उम्र कट रही है इंतज़ार में.
आदतें भी बड़ी अजीब होतीं हैं.
इनमे भी नशा वाजिब होते है.
ना कोई वायदा, ना लौटने के इरादे.
ना जाने कौन सा अनजान सफ़र अौर राहें.
मालूम है, वे हैं वन-वे राहें.
मालूम है दरवाज़ा खड़का होगा हवा से,
मगर उम्र कट रही है इंतज़ार में.
मालूम है दरवाज़ा खड़का होगा हवा से,
मगर उम्र कट रही है इंतज़ार में.
बेहद खूबसूरत
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शुक्रिया मुंतज़िर !!!
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अंतिम दो पंक्तियाँ बहुत खूबसूरत 👍👌
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thank you so much!!
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