गुमान July 14, 2020July 14, 2020 Rekha Sahay गुमान में डूबे आसमान में आफ़ताब के साथ सितारों को दमकते देखा है . लेकिन फलक से टूट सितारों को गर्दिशों में मिलते भी देखा है. Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
Bahut khub…. मतकर गुमान,इतना तुम भी धनवान नही, सब रह जायेगा यहीं, तुम इतना बलवान नही। LikeLiked by 5 people Reply
शुक्रिया!! बहुत ख़ूब , सही लिखा आपने ! पर अफ़सोस की बात है कि लोगों का गुमान …अहंकार जाता नहीं. LikeLike Reply
बिल्कुल सच है यह रेखा जी । बड़ा पुराना शेर है : जिनके महलों में हज़ारो रंग के फानूस थे झाड़ उनकी कब्र पर, बाकी निशां कुछ भी नही LikeLiked by 1 person Reply
जी जितेंद्र जी. यह शेर दो पंक्तियों में सब व्यक्त कर रहा है. लोग इस छोटी सी बात नहीं समझते. LikeLiked by 1 person Reply
Beautiful lines.
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Thank you 😊
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Bahut khub….
मतकर गुमान,इतना तुम भी धनवान नही,
सब रह जायेगा यहीं,
तुम इतना बलवान नही।
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शुक्रिया!!
बहुत ख़ूब , सही लिखा आपने ! पर अफ़सोस की बात है कि लोगों का गुमान …अहंकार जाता नहीं.
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शायद दुनियाँ ऐसे ही चलती रहेगी।
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बहुत खूबसूरत 👌
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आभार अनुराग!
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Beautiful!!!
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Thank you Era!!!!
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You’re most welcome ☺
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👍🙏
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बहुत खूब👍
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शुक्रिया परम !!!
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बिल्कुल सच है यह रेखा जी । बड़ा पुराना शेर है :
जिनके महलों में हज़ारो रंग के फानूस थे
झाड़ उनकी कब्र पर, बाकी निशां कुछ भी नही
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जी जितेंद्र जी. यह शेर दो पंक्तियों में सब व्यक्त कर रहा है. लोग इस छोटी सी बात नहीं समझते.
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बहुत ही खूबसूरत🌸😊
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आभार शैंकी !
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