ऐसा भी होता है क्या? July 5, 2020 Rekha Sahay Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
जब प्रेम रूह में बसे तो ऐसा भी होता है। आपके शब्दों ने कुछ लिखने को प्रोत्साहित कर दिया 👍🙏🙏🤗very nice LikeLiked by 1 person Reply
आभार साक्षी. तुमने सही समझा, ये पंक्तियाँ वास्तविक जीवन से ….अंतरात्मा से निकली हुई हैं. इनसे प्रभावित हो कर क्या लिखा तुमने, ज़रूर बताना. LikeLiked by 1 person Reply
बड़ी भावभीनी बात है यह । फ़िल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में सुरेश वाडकर जी का गाया हुआ गीत याद आ गया : मुझको देखोगे जहाँ तक मुझको पाओगे वहाँ तक रास्तों से कारवां तक इस ज़मीं से आसमां तक मैं ही मैं हूँ, मैं ही मैं हूँ दूसरा कोई नहीं LikeLiked by 2 people Reply
बहुत सुंदर गीत है जितेंद्र जी. आजकल मेरी दोनों बेटियाँ अक्सर ऐसा कहतीं रहतीं हैं. इसलिए मैंने इन्हें शब्दों में ढाल दिया. LikeLiked by 2 people Reply
जब प्रेम रूह में बसे तो ऐसा भी होता है। आपके शब्दों ने कुछ लिखने को प्रोत्साहित कर दिया 👍🙏🙏🤗very nice
LikeLiked by 1 person
आभार साक्षी.
तुमने सही समझा, ये पंक्तियाँ वास्तविक जीवन से ….अंतरात्मा से निकली हुई हैं.
इनसे प्रभावित हो कर
क्या लिखा तुमने, ज़रूर बताना.
LikeLiked by 1 person
Me jarur share karungi kuch hi dino me 💕🤗
LikeLiked by 1 person
Thik hai. 😊
LikeLiked by 1 person
बड़ी भावभीनी बात है यह । फ़िल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में सुरेश वाडकर जी का गाया हुआ गीत याद आ गया :
मुझको देखोगे जहाँ तक
मुझको पाओगे वहाँ तक
रास्तों से कारवां तक
इस ज़मीं से आसमां तक
मैं ही मैं हूँ, मैं ही मैं हूँ
दूसरा कोई नहीं
LikeLiked by 2 people
बहुत सुंदर गीत है जितेंद्र जी. आजकल मेरी दोनों बेटियाँ अक्सर ऐसा कहतीं रहतीं हैं.
इसलिए मैंने इन्हें शब्दों में ढाल दिया.
LikeLiked by 2 people