शुभ रथयात्रा -सब मनिसा मोर परजा!!

रथयात्रा

 

 

हम रहते हैं उस देश में, जहाँ देह से परे, हर बात में आध्यात्म होता है।

शंख क्षेत्र पुरुषोत्तम पुरी में, दशावतारों  विष्णु से बुद्ध तक  पूजे जाते है।

इस संदेश के साथ- सब मनिसा मोर परजा …..मेरी प्रजा है सब जन.

अर्द्धनिर्मित श्री जगन्नाथ, सुभद्रा तथा बलराम की काष्ठ मूर्तियाँ में हैं ,

पूर्णता का गूढ़ संदेश –

शरीर रथ का निर्माण होता बुद्धि, चित्त और अहंकार से,

 शरीर, मन से ऊपर आत्मा है, कहता है सांख्य दर्शन.

रथयात्रा संकेत है जीवन यात्रा में  शरीर और आत्मा के मेल का  ।

शरीर में आत्मा को माया संचालित करती है।

जैसे भगवान जगन्नाथ के रथ को लोक-शक्ति चलाती है।

भक्त को उस पथ अौर रथ में भी भगवान  दिखते हैं।

Mahaprabhu sri jagannaths world famous Rath Yatra will be without ...

 

 

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