नासमझ या सोसियोपैथ

क्या यह सोंच उचित है – यह सिर्फ एक जानवर है, इसलिए क्यों परवाह करना? क्या ऐसे क्रूर प्रवृत्ति के लोगों को कठोर सजा नहीं मिलनी चाहिये?

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जो व्यक्ति दूसरों के दर्द या तकलीफ को नहीं समझता है। या तो वह  व्यक्ति  सामान्य आई क्यू का नहीं है या  सोसियोपैथ / Sociopath है। जानवरों के प्रति क्रूरता दो बातों की अभिव्यक्ति है – कमजोर और छोटे प्राणियों पर नियंत्रण रखने की इच्छा और परपीङा या दूसरों को दर्द देने  की प्रवृत्ति।  

 

4 thoughts on “नासमझ या सोसियोपैथ

  1. इस पर तो कुछ कहा नहीं जा सकता है…बस इंतजार है प्रकृति के रौद्र रूप देखने का। किया कुछ लोगों ने लेकिन भुगतना हर एक को पड़ेगा। क्योंकि हम भी तो इसी समाज का हिस्सा है।

    और रही बात जहां यह कृत्य हुआ है केरल के मल्लपुरम वहा जगह धारा 370 हटने से पहले के कश्मीर जैसी है।

    अगर इस घटना पर सही तरीके से ध्यान दिया।जाए तो बहुत सी एैसी चीजें सामने आएँगी जिसे बिकाऊ मीडिया ने कभी नहीं दिखाया।

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    1. मेरे विचार में तो ऐसे लोग क्रूर होते हीं हैं साथ हीं मानसिक रुप से बीमार भी। जानवर जो दर्द बता भी नहीं सकता उसके साथ ऐसा व्यवहार पीड़ा देती है।
      प्रकृति तो नाराज़गी दिखाये जा रही है – भूकंप, आँधी-तूफान, कोरोना सब तो हो रहा है। लोग संभलें तब ना?

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  2. Pashuwon ke dil men pashuta kam
    insano men insaniyan naa rahi………..bahut hi dardnaak……jitni bhi ninda kiyaa jaaye kam hai…..jaahil shabd bhi khud ko sharminda mahshush kare.

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