आफ़ताब

इसे इबादत कहें या डूबना?

ज़र्रे – ज़र्रे को रौशन कर 

क्लांत आतिश-ए-आफ़ताब,

अपनी सुनहरी, पिघलती, बहती,

रौशन आग के साथ डूब कर 

सितारों और चिराग़ों को रौशन होने का मौका दे जाता  है.

 

 

अर्थ:

आफ़ताब-सूरज

आतिश – आग

इबादत-पूजा

क्लांत –थका हुआ

8 thoughts on “आफ़ताब

  1. बहुत ही खूबसूरत अल्फाज है।
    यासमीन दीदी के पोस्ट पर उर्दू के अल्फाज पढ़ता था। वो तो वर्डप्रेस छोड़ ही दि है😳
    लेकिन आज आपकी पोस्ट देख बेहद खुशी मिली🍭🍬😊

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    1. धन्यवाद शैंकी. देखो शायद वह फिर वापस आ जाए वार्डप्रेस पर.
      उर्दू की मेरी जानकारी बहुत अच्छी नहीं है. बस कोशिश करती रहती हूँ. उर्दू के शब्दों… अल्फ़जो का प्रयोग करना मुझे अच्छा लगता है.

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      1. नही आती ह अबै….बस यॉरकोट और इंसटाग्राम में ही पढ़ने को मिलता है। लेकिन इधर वर्डप्रेस पे पढ़ने का मजा ही कुछ और है😊

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