इसे इबादत कहें या डूबना?
ज़र्रे – ज़र्रे को रौशन कर
क्लांत आतिश-ए-आफ़ताब,
अपनी सुनहरी, पिघलती, बहती,
रौशन आग के साथ डूब कर
सितारों और चिराग़ों को रौशन होने का मौका दे जाता है.

अर्थ:
आफ़ताब-सूरज
आतिश – आग
इबादत-पूजा
क्लांत –थका हुआ
इसे इबादत कहें या डूबना?
ज़र्रे – ज़र्रे को रौशन कर
क्लांत आतिश-ए-आफ़ताब,
अपनी सुनहरी, पिघलती, बहती,
रौशन आग के साथ डूब कर
सितारों और चिराग़ों को रौशन होने का मौका दे जाता है.
अर्थ:
आफ़ताब-सूरज
आतिश – आग
इबादत-पूजा
क्लांत –थका हुआ
बहुत ही खूबसूरत अल्फाज है।
यासमीन दीदी के पोस्ट पर उर्दू के अल्फाज पढ़ता था। वो तो वर्डप्रेस छोड़ ही दि है😳
लेकिन आज आपकी पोस्ट देख बेहद खुशी मिली🍭🍬😊
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धन्यवाद शैंकी. देखो शायद वह फिर वापस आ जाए वार्डप्रेस पर.
उर्दू की मेरी जानकारी बहुत अच्छी नहीं है. बस कोशिश करती रहती हूँ. उर्दू के शब्दों… अल्फ़जो का प्रयोग करना मुझे अच्छा लगता है.
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नही आती ह अबै….बस यॉरकोट और इंसटाग्राम में ही पढ़ने को मिलता है। लेकिन इधर वर्डप्रेस पे पढ़ने का मजा ही कुछ और है😊
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मुझे भी WP जाड़ा पसंद है.
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You have written a beautiful poem, Rekha. I like the photo also:
“It’s golden, melting, flowing,
Lighted by fire
The stars and lamps are given a chance to light up.”
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thanks a lot Olivia, Its about – Sunset.
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“पिघलती, बहती, रौशन आग” (sic)
What a description! ✨✨✨
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Thanks dear!!
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