जब भी कहीं डेरा डालना चाहा.
रुकना चाहा.
ज़िंदगी आ कर कानों में धीरे से कह गई-
यह भी बस एक पड़ाव है…
ठहराव है जीवन यात्रा का.
अभी आगे बढ़ना है,
चलते जाना है. बस चलते जाना है.
image courtesy – Aneesh
जब भी कहीं डेरा डालना चाहा.
रुकना चाहा.
ज़िंदगी आ कर कानों में धीरे से कह गई-
यह भी बस एक पड़ाव है…
ठहराव है जीवन यात्रा का.
अभी आगे बढ़ना है,
चलते जाना है. बस चलते जाना है.
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यस dost 🌸🤓❤
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शुक्रिया buddy,
मुझे लगा था, शायद हीं मेरी इस बात से कोई सहमत होगा। मुझे जिंदगी ऐसी हीं लगती है।
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मै श्री राम में मानता ….उनका जीवन देखे तो पड़ाव ही पड़ाव थे …🌸❤
भीड़ अक्सर स्थिरता पसंद करती ज़िन्दगी में swag के लिए ….मिशन सपने और पड़ाव update करना मांगता है dost😃🌸❤
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हाँ, पूरी तरह सहमत हूँ.
वैसे तुम अपने उम्र के हिसाब से बहुत सुलझी बातें करते हो. यह बहुत अच्छी बात है डॉक्टर 😊keep smiling!!
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हम आज 22 के हो गए😭😭 हमको अच्छा नही लगता ….बच्चा बने रहना ही रास आता🌸
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बस 22 ? अभी तो बच्चे हीं हो. दिल से जो महसूस करो वही सच है. गाना सुना है ना – दिल तो बच्चा है….
Enjoy life!!!
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जी 22 ☺
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😊💐
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ये जीवन भी एक पड़ाव है। चलते जाना इस जीवन से दूर अगले जीवन की ओर। रास्ते ज्ञात नही।
अज्ञानता से ज्ञान की ओर,
आत्मा से परमात्मा की ओर,
न जाने कितने पड़ाव पार कर गए,
बामुश्किल जो मिली उसे मंजिल समझ बैठे,
ज्ञानी समझते थे खुद को
अज्ञानी बन बैठे,
ये जानते हुए भी की कुछ भी स्थाई नही।
फिर मंजिल स्थाई कैसे,
और जो स्थाई नही
वो पड़ाव ही तो है।
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कितनी अच्छी बात आपने लय में कही है. मुझे यह जवाब अच्छा लगा और यह बात भी कि आप मेरी बातों से सहमत हैं. शायद हम सब या बहुत से लोग जीवन में ठहराव खोजते रहते हैं. पर जीवन तो चलते जाने का नाम है. रुक गया तो जीवन कैसे रहा?
आपका आभार!
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स्वागत आपका।
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आपने बिल्कुल सही लिखा। पड़ाव!
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बहुत आभार पसंद करने के लिए.
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स्वागत आपका।
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बिल्कुल सही रेखा जी । फ़िल्म ‘परदेसी बाबू’ का गीत याद दिला दिया आपकी बात ने :
कुछ खोना है, कुछ पाना है
जीवन का खेल पुराना है
जब तक ये सांस चलेगी,
यारा ये तो चलते जाना है
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आपने तो गीत के कुछ शब्दों में जीवन का सार बता दिया.
मैं तो ज़िंदगी के बारे में यही शाश्वत सत्य देखा है.
बहुत आभार जितेंद्र जी.
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I like the photo of the road through the wood by Aneesh.
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Thank you 😊. He is a blogger friend.
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