हमेशा क़रीब होना हीं सही नही।
बहुत क़रीब से देखने पर पूरे दृश्य को नहीं देखा जा सकता है।
वे धुँधली हो जातीं हैं।
परिदृश्य या घटना का हिस्सा बन कर पूरी बातें नहीं समझी जा सकती हैं.
जैसे चित्र में रह कर चित्र देखा नहीं जा सकता.
थोङे फासले भी मायने रखते हैं।
Beautiful…..
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Thank you Ananta 😊
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Waah, kya baat!
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Shukriya Abhay.
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Beautiful lines written
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Thank you 😊
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Ab na karna aur koshish pass aane ki mere tum
In dooriyon ki hi vajah se paas aana chahte ho..
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आज तो दूरियाँ हीं ज़रूरी है.
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क्या खूब लिखा है। बेहतरीन।👌👌
परिदृश्य या घटना का हिस्सा बन कर पूरी बातें नहीं समझी जा सकती हैं.
जैसे चित्र में रह कर चित्र देखा नहीं जा सकता.
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आपको कविता पसंद आई, यह मेरे लिये खुशी की बात है। आभार!!!
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और कुछ सीखने को हमें मिला ये मेरे लिए खुशी की बात है।
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शुक्रिया हौसला अफ़जाई के लिए.
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