10 thoughts on “रश्क

  1. Great lines… Bahut khoob 💯👍 It reminded me the famous lines of Ghalib:
    सारी उम्र ग़ालिब बस यही गलती करता रहा।
    धूल चेहरे पर थी और आइना साफ करता रहा।

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    1. Thank you. ग़ालिब की लाजवाब पंक्तियों के लिए भी आभार.
      दरसल कुछ लोगों में दूसरों के लिए भावनाए या संवेदना नहीं दिखतीं हैं. तब लगता है – काश उन्हें कोई यह सच्चाई / आईना दिखाए.

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      1. सही कहा आपने। सारी समस्या का समाधान अपने अंदर है और सारे सवालों के जवाब भी। बस जरूरत है तो अपने अंदर झांकने की।

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