यादों के चंदन April 15, 2020April 15, 2020 Rekha Sahay चंदन के साथ रखे थे कुछ यादें अौ ख़्वाब ! कुछ ख़्वाब पूरे हुए, कुछ अधूरे हैं। पर संदल की ख़ुशबू से भर गये हैं। Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
यादों के समंदर में हम तो नित्य जाते हैं, कभी तुम भी आया करो, प्रेम की बारिश नित्य होती है बेकार है बरसना इसका कभी तुम भी नहाया करो। LikeLiked by 2 people Reply
Beautiful
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Thank you.
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अधूरे ख्वाब भी खुशबू से भरे! क्या बात।👌👌
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शुक्रिया मधुसूदन.
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यादों के समंदर में हम तो नित्य जाते हैं,
कभी तुम भी आया करो,
प्रेम की बारिश नित्य होती है
बेकार है बरसना इसका
कभी तुम भी नहाया करो।
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सुंदर पंक्तियाँ. आपका धन्यवाद .
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This is beautiful
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Thank you Maushmi.
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