दर्द निश्चय ही रचना बन सकता है रेखा जी और अनेक कालजयी तथा महान रचनाओं के मूल में उनके रचयिताओं के हृदय का दर्द ही रहा है । इसीलिए कहा जाता है कि हर इंसान के दिल में एक कवि, एक शायर रहता है क्योंकि ज़िन्दगी में दर्द से साबिक तो हर किसी का कभी-न-कभी पड़ता ही है । जिसका दर्द एक साँचे में ढलकर किसी रचना का रुप ले ले, वही कलाकार बन जाता है । आपकी इस बात से मुझे बशीर बद्र साहब का एक शेर याद आ रहा है :
पत्थर के जिगर वालों
ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा
बहता हुआ पानी है
आपकी बातें अच्छी और सच्ची हैं. दर्द और पीड़ा को कमज़ोरी बनाने से अच्छा है, रचनात्मक दिशा में के जाना. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि यह करना कठिन है. शायद कोई ईश्वरीय शक्ति ही इसके लिए प्रेरित करती है.
बशीर बद्र साहब का शेर बेहद उम्दा और प्रेरक है. आपका बहुत शुक्रिया इसे शेयर करने के लिए.
Very interesting
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Thank you
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Welcome ji
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Is it you so beautiful
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I couldn’t get you.
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Pic in your post …is so beautiful…I think it’s you…?
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No, it was there by mistake.
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Oh…ok..
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Very nice line
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Thank you
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दर्द निश्चय ही रचना बन सकता है रेखा जी और अनेक कालजयी तथा महान रचनाओं के मूल में उनके रचयिताओं के हृदय का दर्द ही रहा है । इसीलिए कहा जाता है कि हर इंसान के दिल में एक कवि, एक शायर रहता है क्योंकि ज़िन्दगी में दर्द से साबिक तो हर किसी का कभी-न-कभी पड़ता ही है । जिसका दर्द एक साँचे में ढलकर किसी रचना का रुप ले ले, वही कलाकार बन जाता है । आपकी इस बात से मुझे बशीर बद्र साहब का एक शेर याद आ रहा है :
पत्थर के जिगर वालों
ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा
बहता हुआ पानी है
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आपकी बातें अच्छी और सच्ची हैं. दर्द और पीड़ा को कमज़ोरी बनाने से अच्छा है, रचनात्मक दिशा में के जाना. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि यह करना कठिन है. शायद कोई ईश्वरीय शक्ति ही इसके लिए प्रेरित करती है.
बशीर बद्र साहब का शेर बेहद उम्दा और प्रेरक है. आपका बहुत शुक्रिया इसे शेयर करने के लिए.
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Yes, very true.. beautiful words!
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Thank you 😊
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