चोट का दर्द

कहते हैं चोट का दर्द टीसता है

सर्द मौसम में.

पर सच यह है कि

सर्द मौसम की गुनगुनी धूप,

बरसाती सूरज की लुकाछिपी की गरमाहट

या जेठ की तपती गर्मी ओढ़ने पर भी

कुछ दर्द बेचैन कर जाती हैं.

दर्द को लफ़्ज़ों में ढाल कर

कभी कभी ही राहत मिलती है.

31 thoughts on “चोट का दर्द

    1. सही है. ये दर्द अपने साथ बहुत कुछ ले कर आता – जीवन की सच्चाई, सबक़, अनुभव……
      धन्यवाद जितेंद्र जी.

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    1. its so sweet of you, trying to understand my Hindi posts. You may try translator dear.
      these are my inner feeling. it says – Some Old Injuries Ache in the Cold weather but few injuries/ pain always hurts.
      Lots of love and light to you too buddy.

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  1. कुछ दर्द रुलाते हैं मगर वही तो है जिसे याद कर जिंदा कुछ लोग जिंदा रहते हैं।
    कुछ जख्म जिस्म पर लगते हैं
    कुछ जिस्म के पार,
    वे क्या समझे
    जिन्हें नफरत पसन्द
    ना पसन्द है
    प्यार।

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    1. बड़ी सही पंक्तियाँ लिखीं आपने मधुसूदन. सच कहा, कुछ यादें याद कर लोग ज़िंदा रहते हैं.
      आपका आभार!!!

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