सूरज ङूबने के बाद क्षितिज़ के ईशान कोण पर दिखा एक सितारा……..
शाम का सितारा, रौशन क़ुतबी सितारा या शायद ध्रुव तारा….
वह हँसा और सामने आ गया बोला –
टूट-टूट कर तो हम भी गिरते, बिखरते हैं.
तब क्या टिमटिमाना…जीना छोड़ दे?
दिव्यमान रहो, दमकते और चमकते रहो हमारी तरह।
Nice
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Thank you
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