किसी ने पूछा –
दिवाली में दीये तो जला सकतें हैं ना?
ग्लोबल वार्मिंग की गरमाहट
तो नहीं बढ़ जायेगी……
नन्हा दीया हँस पङा।
अपने दोस्तों को देख बोला –
देखो इन्हें जरा…..
सारी कायनात अपनी गलतियों से जलाने वाले
हमारी बातें कर रहें हैं।
जैसे सारी गलती हमारी है।
I like the way you write
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Thanks
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क्या बात है बहुत खूब कहा
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शुक्रिया दानिश .
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Kya baat ……..ham prem ke diye jalaye phir bhi kisi ka jishm jalta hai
aur koyee duniya jalaye phir bhi koyee fark nahi.
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