वक़्त

समय कब कहता है – वह सही है?

शिद्दत से सही वक्त ढूँढना पङता है।

कई बार सही समय ढूँढने में

वक्त हीं फिसल जाता है हाथों से।

 

27 thoughts on “वक़्त

  1. वाह। बेहतरीन पंक्तियाँ।
    मुझे जो पल मिले उसे खूबसूरत बनाऊँ
    या खूबसूरत पल आने के इंतजार में
    पलक पावड़े बिछाऊँ,
    कशमकश ऐसी
    जिसमे स्वयं को सदैव उलझा पाऊँ।

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